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लेखनी कविता स्वैच्छिक-07-Jul-2022

प्रेम 

सीमा न पूछ मेरे मोहब्बत की आपसे असीम प्रेम करता हूं |2|
दूर रहकर भी आपसे नज़दीकियों  के सपने देखता हूं
जब आपसे नाराज़ होता हूं तो आपके ही ख्यालों में खोया रहता हूं |2|
रूठता हूं जब आपसे तो आपके ही बारे में लिखता हूं
शिकायतें बहुत है आपसे लेकिन प्यार आपसे करता हूं |2|
आती है आपको याद मेरी इसलिए मैसेज आपको करता हूं
आओगे मिलने आप,बस इसी ख्वाब में पलके बिछाएं बैठा हूं |2|
जानता हूं नहीं होंगे कभी आप मेरे फिर भी बेइंतहा आपसे प्यार करता हूं।

#प्रतियोगिता हेतु

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7 Comments

Seema Priyadarshini sahay

08-Jul-2022 08:42 PM

Nice 👍

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Gunjan Kamal

08-Jul-2022 01:43 PM

बहुत खूब

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Ilyana

08-Jul-2022 08:46 AM

Nice

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